कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय

कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय

अगर आप जीवन में लगातार असफलताओं और बाधाओं का सामना कर रहे हैं, और आपको लगता है कि आपके जीवन पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, इसका यह मतलब हो सकता है की आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है।

ज्योतिष शास्त्र में, कालसर्प दोष को एक अत्यंत नकारात्मक योग माना जाता है, अगर यह दोष किसी मनुष्य की कुंडली मे होता है तो वह अपने जीवन मे सदैव ही कठनाइयों से गुजरते है। यह तब बनता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। यह स्थिति व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं और बाधाएं ला सकती है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको कालसर्प दोष के बारे में जानकारी देंगे, इसके लक्षण बताएंगे, और सबसे महत्वपूर्ण बात, आपको बताएंगे कि कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय क्या है।

कालसर्प दोष के लक्षण:

कालसर्प दोष के लक्षण
  • नकारात्मक प्रभाव: यदि आपको लगता है कि आपके जीवन पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, तो यह भी कालसर्प दोष का लक्षण हो सकता है।
  • बाधाएं: यदि आपको लगता है कि आपके जीवन में हर काम में बाधाएं आ रही हैं, तो यह भी कालसर्प दोष का लक्षण हो सकता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: जातक को कालसर्प दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • लगातार असफलताएं: यदि आपको लगता है कि आप जीवन में लगातार असफलताओं का सामना कर रहे हैं, तो यह कालसर्प दोष का लक्षण हो सकता है।
  • मानसिक परेशानियां: कालसर्प दोष के कारण मानसिक परेशानियां भी हो सकती हैं।

कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय

कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय

कालसर्प दोष एक बहुत ही खतरनाक दोष है, और यह दोष जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली मे होता है उस व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों और परेशानियों से भरा होता है। अगर कालसर्प दोष का समय पर निवारण न किया जाए तो यह दोष आपका साथ मरते दम तक नहीं छोड़ता है।

कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए आप बहुत से उपाय अपना सकते है जैसे, जैसे की कालसर्प दोष निवारण मंत्रो का उचारण करना, शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करना, महादेव के मंदिर मे पूजा पाठ करना और ऐसे कई सारे उपाय है। लेकिन ये उपाय की मदद से आप सिर्फ कुछ समय के लिए ही इस दोष से मुक्ति पा सकते है।

अगर आप अपनी कुंडली मे से कालसर्प दोष को हमेसा के लिए दूर करना चाहते है, तो आपको कालसर्प दोष निवारण पूजा करवानी चाहिए। कालसर्प दोष निवारण पूजा ही कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय है। इस पूजा की मदद से आप कालसर्प जैसे खतरनाक दोष से आसानी से मुक्ति पा सकते है और अपना जीवन सरलता से जी सकते है।

मात्र 1 दिन मे पाए कालसर्प दोष से मुक्ति

मात्र 1 दिन मे पाए कालसर्प दोष से मुक्ति

अगर आपकी कुंडली मे कालसर्प दोष है तो आप कालसर्प दोष निवारण पूजा सम्पन्न करा कर इस दोष से मात्र 1 दिन मे मुक्ति पा सकते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष निवारण पूजा ही एकमात्र ऐसा उपाय है जो आपको इस दोष से सत प्रतिशत छुटकारा दिला सकता है।

भारत मे ऐसे बहुत से स्थान है जहां पर कालसर्प दोष की पूजा की जाती है, लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन को कालसर्प दोष निवारण पूजा के के लिए सबसे उचित माना गया है, क्योकि यहाँ स्वयं कालो के काल महाकाल के रूप मे भगवान शिव जी विराजमान है। यदि आप उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाते है तो आपको पंडित कपिल शर्मा जी से संपर्क करना चाहिए।

उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए पंडित जी

उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए पंडित जी

अगर आप उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो आप उज्जैन के प्रशिद्ध ज्योतिष पंडित कपिल शर्मा जी से संपर्क कर सकते है, और कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे पंडित जी से मुफ्त मे परामर्श ले सकते है, और अपनी कुंडली भी दिखा सकते है।

पंडित जी के पास कालसर्प दोष पूजा उज्जैन के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।

Call Pandit Ji

कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय क्या है?

कालसर्प दोष निवारण पूजा ही कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय है। इस पूजा की मदद से आप कालसर्प जैसे खतरनाक दोष से आसानी से मुक्ति पा सकते है और अपना जीवन सरलता से जी सकते है।

कालसर्प दोष निवारण पूजा कहा होती है?

भारत भर मे कालसर्प दोष निवारण पूजा बहुत सारे स्थानो पर होती है, लेकिन उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा सम्पन्न कराने का विशेष महत्व है।

कालसर्प दोष क्या होता है?

कालसर्प दोष को एक अत्यंत नकारात्मक योग माना जाता है, अगर यह दोष किसी मनुष्य की कुंडली मे होता है तो वह अपने जीवन मे सदैव ही कठनाइयों से गुजरते है। यह तब बनता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं।

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