मंगल दोष पूजा उज्जैन
मंगल दोष क्या होता है?
अन्य ग्रहो की तरह मंगल ग्रह भी 12 भावो मे से किसी एक भाव मे स्थित होता है, किन्तु इन 12 भावो से कुछ भाव ऐसे होते है, जिनमे मंगल ग्रह होने से व्यक्ति के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है। यदि मंगल ग्रह लग्न भाव ( प्रथम भाव ), चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव मे स्थित हो, तो व्यक्ति की जन्मकुंडली मे मंगल दोष या मांगलिक दोष की स्थिति बनती है, और जिस व्यक्ति की कुंडली मे यह दोष बनता है उसे मांगलिक माना जाता है। कुंडली मे ऐसी स्थिति का बनना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
मंगल दोष के क्या लक्षण होते है?
- मंगल दोष के कारण व्यक्ति के विवाह मे बहुत ज्यादा विलंब होता है।
- यदि विवाह हो जाए तो विवाह के पश्चात दांपत्य जीवन मे लड़ाई झगड़े बढ़ जाते है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है।
- मंगल ग्रह यदि चतुर्थ भाव मे स्थित हो तो पारिवारिक जीवन मे कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
- जो व्यक्ति मंगल दोष से पीड़ित होता है उस व्यक्ति का स्वभाव तेज और गुस्से वाला होने लगता है।
- इस दोष के कारण व्यक्ति कर्जे की स्थिति मे आ जाता है।
- व्यक्ति मे आत्मविश्वास और साहस की कमी होने लगती है।
- मंगल दोष के कारण व्यक्ति किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं कर पता है।
- कुंडली मे मंगल दोष होने के कारण व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शक्ति मे कमी होने लगती है।
- परिवार मे सदैव विवाद और संघर्ष की स्थिति बनी रहती है।
मंगल दोष को दूर करने के उपाय क्या है?
- मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- दो मुट्ठी मसूर की दाल लाल कपड़े मे बांधकर किसी भिखारी या जरूरतमंद व्यक्ति को देना चाहिए।
- जिस कमरे मे आप सोते है, उस कमरे मे लाल कपड़े मे सौफ बाँधकर रखना चाहिए।
- बंदरो को गुड और चना खिलाने से इस दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए।
- मंगल दोष वाले व्यक्ति को मंगल से संबन्धित वस्तुओ का उपहार लेने से बचना चाहिए, अन्यथा दोष का दुष्प्रभाव बढ़ जाता है
- व्यक्ति को लाल रंग के जूते नहीं पहनने चाहिए।
- तीन मुखी रुद्राक्ष या मूंगा रत्न ज्योतिष की सलाह से धारण करना चाहिए।
मांगलिक होने से क्या होता है?
यदि व्यक्ति की कुंडली मे मंगल दोष हो तो ऐसे व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है। मांगलिक होने के कारण व्यक्ति के रोजगार और व्यपार मे उन्नति होती है। किन्तु वही दूसरी तरफ मंगल दोष के कारण व्यक्ति के विवाह मे विलंब होता है। यदि विवाह हो जाए, तो विवाह के पश्चात दंपत्ति मे लड़ाई झगड़े होने लगते है। ससुराल पक्ष से भी संबंध खराब होने लगते है। व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल और अहंकारी हो जाता है।
मंगल शांति मंत्र
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
“ॐ भौं भौमाय नमः”
“ॐ अं अंगारकाय नमः”
मंगल देव की कृपा प्राप्त करने और मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए जातक मंगल देव के संबंधित मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों को आप 1000 बार उच्चारण भी कर सकते हैं, किन्तु देश-काल- पात्र सिद्धान्त के अनुसार कलयुग मे 40000 बार इन मंत्रो का जाप करने के लिए कहा गया है।
भात पूजा क्या होती है ?
भात पूजा मे धान अर्थात चावल के शिवलिंग रूप मे विराजित मंगलदेव की पूजा की जाती है। यह पूजा उन व्यक्तियों लिए की जाती है, जिनकी कुंडली मे मंगल दोष होता है। यह व्यक्ति की शादी से पहले की जाती है ताकि व्यक्ति को पूजा का शुभ फल प्राप्त हो सके।
मंगल दोष निवारण कैसे होता है?
ऊपर दिये गए उपायो अपनाकर मंगल दोष दुष्प्रभाव को कम तो किया जा सकता है, किन्तु पूर्ण रूप से समाप्त नहीं किया हा सकता है। और इसमे भी बहुत अधिक समय और परिश्रम दोनों ही लग सकते है। अतः मंगल दोष और इसके दुष्प्रभाव को सदैव के लिए समाप्त करने हेतु मंगल दोष पूजा उज्जैन मे करवाना चाहिए। मंगल दोष शांति पूजा करने के बाद विवाह मे आ रही सभी परेशानिया स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
मंगल दोष की पूजा कहाँ होती है?
मंगल दोष पूजा मध्यप्रदेश मे स्थित भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन मे की जाती है। उज्जैन मे भगवान मंगलदेव का मंदिर है। इसे मंगलनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार इस मंदिर को मंगल का जन्मस्थान माना जाता है। यह मंदिर अपने दैवीय गुणो के कारण विश्वभर मे प्रसिद्ध है।
मंगल दोष निवारण पूजा मे कितना खर्च आता है?
मंगल दोष पूजा उज्जैन मे 3000 से 21000 रुपए तक का खर्च आता है। यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है, की आप कैसी व्यवस्थाए चाहते है या पंडित जी मंगल दोष पूजा के लिए कितनी दान दक्षिणा लेते है। अतः आप पहले पंडित जी से संपर्क करके उज्जैन मंगल दोष पूजा के बारे मे समस्त जानकारी प्राप्त करे और अपनी पूजा बुक करे।
मंगल दोष पूजा को अलग अलग नामो से जाना जाता है। इस पूजा को मंगल शांति पूजा, मंगल भात पूजा उज्जैन, मांगलिक दोष पूजा या भात पूजा के नाम से भी जाना जाता है। मंगल दोष पूजा सिर्फ उज्जैन मे स्थित मंगलनाथ मंदिर मे की जाती है।
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पंडित जी के पास मंगल दोष पूजा उज्जैन के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।