जिस प्रकार हम सभी जानते है की मंगल दोष एक बहुत ही घातक दोष माना जाता है इस दोष के चलते हुए मनुष्य को अपने दैनिक जीवन मे कई सारी समस्यों का सामना करना पड़ सकता है और अगर इस दोष का निवाराण सही समय व सही स्थान पर न किया जाये तो आपके जीवन मे सदैव ही आपको परेशानी और असफलता का सामना करते रहना पड़ेगा।
मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है, जो जिस किसी जातक की कुंडली में बन जाये तो उसे बड़ी ही अजीबो-गरीब परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, मंगल दोष कुंडली के किसी भी घर में स्थित अशुभ मंगल के द्वारा बनाए जाने वाले दोष को कहते हैं, जो कुंडली में अपनी स्थिति और बल के चलते जातक के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, इस लेख मे हम आपको बताएँगे की मंगल दोष की पूजा कहाँ होती है और इस पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान कौन सा है।
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मंगल दोष की पूजा कहाँ होती है?
मंगल दोष निवारण पूजा उज्जैन में कई मंदिरों में की जा सकती है, लेकिन सबसे प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर है। मंगलनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें मंगल ग्रह के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष शांति पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में विशेष रूप से मदद मिलती है।
मंगल ग्रह की पूजा के द्वारा मंगल देव को प्रसन्न किया जाता है, तथा मंगल द्वारा उत्पन्न विनाशकारी प्रभावों को शांत व नियंत्रित कर सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि की जा सकती है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं
मंगलनाथ मंदिर क्यो है मंगल दोष पूजा के लिए सबसे खास स्थान?
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार अंधकासुर नाम के दैत्य ने कठिन तपस्या के बल पर भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया कि, यदि उसके रक्त की एक भी बूंद पृथ्वी पर पड़ी तो उससे सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे। इसके बाद वह इसका दुरुपयोग करते हुए पूरी पृथ्वी पर उत्पात मचाने लगा। मान्यता है कि देवताओं ने जब भगवान शिव को अपनी व्यथा बताई तो महादेव ने अंधकासुर से युद्ध लड़ना शुरु किया.
युद्ध के दौरान जब महादेव के पसीने की एक बूंद पृथ्वी पर गिरी तो उसकी गर्मी से धरती फट गई और मंगल देवता प्रकट हुए, और उन्होंने अंधकासुर के शरीर से निकलने वाले रक्त को अपने भीतर सोख लिया। इसके बाद भगवान शिव ने अंधकासुर का वध कर दिया। इसलिए उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर को मंगल दोष निवारण के लिए सबसे खास स्थान माना जाता है यहा पर पूजा कर आप भगवान शिव जी को प्रसन्न कर सकते है और अपनी कुंडली से मंगल दोष को हमेशा के लिए निकाल सकते है।
मंगल दोष कैसे हटाया जाए?
मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए आप यह उपाय कर सकते है।
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-उपासना करें।
- हनुमान जी की पूजा के साथ सुंदरकाण्ड का पाठ भी करें।
- मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए हर मंगलवार के दिन लाल चीजों का दान करें जैसे, लाल मिर्च, गुड़, लाल रंग के कपड़े, शहद, लाल रंग की मिठाई, मसूर की दाल आदि चीजों का दान करें।
- ज्योतिषियों की मानें तो मंगलवार के दिन नीम का पेड़ लगाने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
- मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद लाल वस्त्र धारण कर विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-उपासना करें।
- अगर आपकी शादी में बाधा मंगल दोष की वजह से आ रही है, तो मंगलवार के दिन उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में भात पूजन करें। धार्मिक मत है कि मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
उज्जैन मे कैसे कराएं मंगल दोष निवारण पूजा?
मंगल दोष निवारण पूजा आमतौर पर मंगलवार को की जाती है, जो मंगल ग्रह का दिन है। पूजा में आमतौर पर मंगल यंत्र की पूजा, मंगल मंत्रों का जाप और हवन शामिल होता है। पूजा कराने वाले व्यक्ति को लाल रंग के कपड़े पहनने और लाल फूल, फल और मिठाई चढ़ाने की सलाह दी जाती है।
उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा के लिए सबसे प्रसिद्ध मंदिर मंगलनाथ मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन यह मंगल ग्रह से भी जुड़ा हुआ है। मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष निवारण पूजा करने के लिए, भक्तों को सुबह जल्दी मंदिर जाना होगा और पूजा के लिए आवश्यक सामग्री अर्पित करनी होगी। पूजा आमतौर पर एक पंडित द्वारा की जाती है, और इसमें कई घंटे लग सकते हैं।
आप उज्जैन मे मंगल दोष निवारण पूजा करवाने के लिए आप उज्जैन के प्रसिद्ध पंडित कपिल शर्मा जी से संपर्क कर सकते है और अपनी जन्म कुंडली दिखाकर उचित समय पर पंडित जी के साथ मंगल दोष निवारण पूजा करा सकते है पंडित जी के पास वर्षभर मंगल दोष पूजा के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है।