ज्योतिष शास्त्र में मंगल को निर्भीकता और साहस के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कुछ लोगों द्वारा इस ग्रह को अत्यंत खतरनाक और पापपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषियों का दावा है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में नहीं है, तो उसे जीवन भर कई तरह की भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
आज इस पोस्ट मे हम आपको मंगल दोष के प्रभावों को कम करने के लिए मंगल दोष निवारण मंत्र बताएँगे।
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मंगल दोष क्या है?
सबसे प्रचलित और खतरनाक दोषों में से एक है मंगल दोष, नियमित जीवन के लिए काफी हद तक हानिकारक है और अक्सर विभिन्न व्यक्तियों की कुंडलि में मौजूद होता है। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति – मंगल दोष का कारण बनती है।
माना जाता है की मंगल दोष तब विकसित होता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में दिखाई देता है। इन घरों में मंगल वाले व्यक्तियों को मांगलिक कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल दोष दिखाई देता है, तो यह विवाह, रिश्ते, धन, रोजगार और कई अन्य मुद्दों को जन्म दे सकता है।
कुंडली में स्थित मंगल अगर जातक को अशुभ फल दे रहा है तो जातक को ज्योतिष द्वारा बताए गए मंगल से संबंधित उपाय अवश्य करना चाहिए।
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मंगल दोष के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
मंगल दोष एक बहुत ही खतरनाक दोष है इसके प्रभाव निम्नलिखित हो सकते है,
- यदि मंगल लग्न मे पहले घर में बैठा है तो मुख्य रूप से व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए व्यक्ति क्षणिक क्रोधित होने वाला हो सकता है।
- मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को विवाह मे देरी या विवाह से संबन्धित अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- मंगल दोष के प्रभाव से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, और वह आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकता है।
- मंगल दोष के प्रभाव के चलते व्यक्ति को व्यावसायिक जीवन मे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- मंगल दोष के कारण व्यक्ति को कर्ज और मुकदमेबाजी से संबन्धित समस्या का सामना करना पड़ता है और जेल जाने की नौबत भी आ सकती है।
मंगल दोष निवारण मंत्र
मंगल दोष निवारण मंत्र बहुत सारे हैं, आप इन मंत्रो का नियमित उच्चारण कर मंगल दोष के दुष्प्रभावो के असर को कम कर सकते है, जिनमें से कुछ प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:
मंगल ग्रह के लिए वैदिक मंत्र:
- ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
- ॐ भौमाय नमः
- ॐ मंगलाय नमः
मंगल दोष निवारण मंत्र:
- ॐ हनुमते नमः
- ॐ नमो भगवते मंगलाय
- ॐ ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत् सस्यं कृत्वा घृतं पिबेत् । पशून् कृत्वा घृतं पिबेत् सर्वं कृत्वा घृतं पिबेत् ॥
मंगल ग्रह को शांत करने के लिए मंत्र:
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ महादेवाय नमः
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
मंत्रों का जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- मंत्रों का जाप मंगलवार के दिन करना सबसे अच्छा होता है।
- मंत्रों का जाप स्नान करने के बाद, शांत और एकाग्र मन से करना चाहिए।
- मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- मंत्रों का जाप करते समय रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
मंगल दोष निवारण का अचूक उपाय
ऊपर दिए गए मंगल दोष निवारण मंत्र की मदद से आप मंगल दोष से असर को कुछ समय के लिए दूर कर सकते हो लेकिन मंगल दोष को कुंडली मे से हनेशा के लिए दूर करने के लिए आपको उज्जैन मे मंगल दोष निवारण पूजा सम्पन्न करानी पड़ेगी।
अगर आप भी मंगल दोष से मुक्ति के लिए मंगल दोष निवारण पूजा कराना चाहते है तो इसके लिए एक मात्र स्थान सिर्फ उज्जैन है, क्योंकि पूरे भारत मे सिर्फ उज्जैन मे स्थित मंगलनाथ मंदिर मे ही मंगल दोष भात पूजा कराई जाती है।
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